छत्तीसगढ़ में लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) भर्ती घोटाले की जांच में सीबीआई ने आज बड़ा एक्शन लिया है। राज्य की राजधानी रायपुर सहित बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई, धमतरी और अन्य जिलों में सीबीआई की टीमों ने कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में राजभवन के पूर्व सचिव अमृत खलखो, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला और सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टॉमन सिंह सोनवानी जैसे कई प्रभावशाली लोगों के ठिकानों पर दबिश दी गई।
सीबीआई की जांच के दायरे में आए आरोपों के अनुसार, सीजीपीएससी भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी। कई अभ्यर्थियों का चयन नियमों का उल्लंघन कर किया गया था। इनमें से कई अभ्यर्थी राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों के रिश्तेदार थे। सीबीआई का मानना है कि इस भर्ती घोटाले में कई बड़े लोग शामिल थे और उन्होंने इस घोटाले को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
छापेमारी के प्रमुख बिंदु:
- रायपुर: राजभवन के पूर्व सचिव अमृत खलखो के आवास पर छापेमारी की गई। उनके बेटे-बेटियों का भी राज्य सेवा भर्ती परीक्षा में चयन हुआ था।
- बिलासपुर: कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के निवास पर सीबीआई का दस्तावेजों की जांच के लिए दौरा किया गया। उनके बेटे का भी इस मामले में नाम सामने आया है।
- धमतरी: सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टॉमन सिंह सोनवानी के निवास पर छापा मारा गया। उनके परिवार के तीन सदस्यों का भी पीएससी में चयन हुआ था।
- दुर्ग-भिलाई: कांकेर में पदस्थ नक्सल डीआईजी कन्हैया लाल ध्रुव, राज्यपाल के पूर्व सचिव अमृत खलखो और भिलाई के टाउनशिप के लालजी कौशिक के निवास पर छापेमारी की गई। इन सभी के परिवार के सदस्यों का भी पीएससी में चयन हुआ था।
क्या है मामला?
छत्तीसगढ़ में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान सीजीपीएससी भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली का मामला सामने आया था। विपक्षी दल भाजपा ने इस मामले में कई आरोप लगाए थे और जांच की मांग की थी। भाजपा की सरकार बनने के बाद इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया था।
सीबीआई की यह छापेमारी राज्य में सनसनी फैलाने वाली है। यह जांच यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस भर्ती घोटाले में कौन-कौन लोग शामिल थे और उन्होंने इस घोटाले को कैसे अंजाम दिया। इस मामले में कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
यह छापेमारी राज्य की राजनीति पर भी बड़ा असर डाल सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है।