भिलाई इस्पात संयंत्र में बायोमेट्रिक आधारित उपस्थिति दर्ज प्रणाली लागू होने के बाद से कर्मचारी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। सीटू (CITU) ने इस मुद्दे को लेकर संयंत्र प्रबंधन से मुलाकात की है और कई मांगें रखी हैं।
यूनियन का कहना है कि बिना किसी पूर्व तैयारी के इस प्रणाली को लागू करने से गेटों पर जाम लग रहा है, ध्वनि और वायु प्रदूषण बढ़ रहा है और सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। कर्मचारियों को समय पर फेस रीडिंग कराने की जल्दबाजी के कारण यह समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
सीटू ने संयंत्र प्रबंधन से कई सुझाव दिए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- प्रवेश और निकास के लिए गेटों की संख्या बढ़ाना: वर्तमान में प्रवेश के लिए केवल चार गेट हैं, जबकि निकास के लिए दस गेट हैं। सीटू का मानना है कि प्रवेश के लिए गेटों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
- गेट खोलने का समय बढ़ाना: संयंत्र के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचने में आधा घंटे से अधिक समय लगता है, इसलिए प्रबंधन को सभी पालियों में गेट खोलने का समय आधा घंटा बढ़ाना चाहिए।
- सड़कों का चौड़ीकरण: मेन गेट पर इस्पात भवन और एचआर विभाग के बीच की सड़क का चौड़ीकरण किया जाना चाहिए।
- सभी गेटों पर शेड का निर्माण: कर्मचारियों को धूप और बारिश से बचाने के लिए सभी गेटों पर शेड का निर्माण किया जाना चाहिए।
- मेडिकल सुविधाओं में सुधार: कर्मचारियों को सेक्टर 9 अस्पताल में मेडिकल ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए छूट दी जानी चाहिए।
- नगर प्रशासन संबंधी शिकायतों के लिए व्यवस्था: नगर प्रशासन और टाउनशिप से संबंधित सभी शिकायतों को दर्ज करने की व्यवस्था कार्मिक विभाग में की जानी चाहिए।
- बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम में सुधार: कर्मचारियों द्वारा रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज भेजने की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि उपस्थिति या अनुपस्थिति का प्रमाण मिल सके।
- रात्रि पाली भत्ता: रात्रि पाली भत्ते को आयकर से छूट हेतु सेल्फ डिक्लेरेशन की प्रक्रिया को आसान बनाया जाना चाहिए।
- टाइम ऑफिस की व्यवस्था: कर्मचारियों की छुट्टी संबंधी पूरी व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए टाइम ऑफिस की व्यवस्था को यथावत रखा जाना चाहिए।
- सड़कों की मरम्मत: संयंत्र के सभी गेटों की ओर जाने वाली सड़कों की मरम्मत की जानी चाहिए।
- कर्मचारियों की मूलभूत सुविधाओं में सुधार: कैंटीन, रेस्ट रूम और बाथरूम जैसी मूलभूत सुविधाओं में सुधार किया जाना चाहिए।
सीटू का मानना है कि बायोमेट्रिक सिस्टम को लागू करने से पहले प्रबंधन को कर्मचारियों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए था। यूनियन ने प्रबंधन से इन समस्याओं का समाधान करने की मांग की है।