बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता ने एक बार फिर देश को हिंसा की आग में झोंक दिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद त्याग के बाद, देश में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर हिंदुओं पर हमलों की खबरें सामने आ रही हैं। इस घटनाक्रम ने भारत में भी गहरी चिंता जगाई है।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर में बजरंग दल ने इन घटनाओं के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश का पुतला दहन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदुओं के मंदिरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है।
बजरंग दल के नेताओं ने इतिहास का हवाला देते हुए बताया कि बांग्लादेश की स्वतंत्रता के समय वहाँ हिंदुओं की जनसंख्या 25% थी, जो अब घटकर मात्र 6-7% रह गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान की तरह अब बांग्लादेश में भी हिंदू विरोधी गतिविधियाँ बढ़ रही हैं।
विरोध स्वरूप, बजरंग दल ने सुपेला घड़ी चौक में एक विशाल रैली का आयोजन किया। प्रदर्शनकारियों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सेना से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
बजरंग दल के जिला उपाध्यक्ष कमल साव ने कहा, “हाल के दिनों में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बढ़ी है। हम भारत सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करे।”
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि जैसे फिलिस्तीन में मुस्लिम समुदाय की रक्षा के लिए कई देश एकजुट हुए, वैसे ही भारत को भी बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने भारतीय सेना और मोदी सरकार पर विश्वास व्यक्त किया कि वे जल्द ही बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
इस विरोध प्रदर्शन में बजरंग दल के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए, जिन्होंने एकजुटता दिखाते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की मांग को बुलंद किया।