दुर्ग जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक प्रभावशाली राजनीतिक नेता और कथित भू-माफिया सहित चार व्यक्तियों पर अवैध भूमि विकास के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह घटना कुरुद गाँव में हुई, जहाँ बिना उचित अनुमति के जमीन का अवैध विभाजन किया जा रहा था। यह शिकायत स्थानीय नगर निगम के एक कर्मचारी द्वारा दर्ज कराई गई, जिसे नगर आयुक्त का समर्थन प्राप्त था।
जामुल पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इस मामले में, 21 जून को एक औपचारिक शिकायत दर्ज की गई थी। इस शिकायत के आधार पर, पुलिस ने पारस, संदीप गुप्ता, श्रीराम बरण गुप्ता और प्रदीप गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। यह उल्लेखनीय है कि संदीप और प्रदीप गुप्ता भाई हैं, जबकि श्रीराम बरण गुप्ता उनके पिता हैं।
भिलाई नगर निगम के आयुक्त ने अपने आधिकारिक पत्र में स्पष्ट किया है कि यह अवैध गतिविधि कुरूद गाँव के खसरा संख्या 1546 पर की जा रही थी। यह स्थान शहर के मध्य में, लोहिया मार्ग के पीछे कैलाश नगर के निकट स्थित है। आरोपियों ने न तो नगर निगम से आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त कीं और न ही उन्हें कॉलोनाइजर लाइसेंस जारी किया गया था।
इस गैरकानूनी कृत्य को छत्तीसगढ़ नगरपालिका निगम अधिनियम की धारा 292(ग) का उल्लंघन माना जा रहा है। इस कानून के तहत, दोषी पाए जाने पर आरोपियों को तीन से सात वर्ष तक का कारावास और कम से कम एक लाख रुपये का आर्थिक दंड हो सकता है। यह मामला स्थानीय प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, जो भूमि से संबंधित अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं।