भारत के विभिन्न राज्यों में फैले महादेव सट्टा रैकेट के मामले में एक नया मोड़ आया है। प्रमुख आरोपी सौरभ चंद्राकर के परिजनों की गिरफ्तारी के बाद, कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अपना ध्यान छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर पर केंद्रित किया है। पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की संयुक्त टीम ने शहर में एक बड़ा अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। इन व्यक्तियों को तत्काल राजधानी रायपुर ले जाया गया, जहां उनसे गहन पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, ये दोनों व्यक्ति अवैध सट्टा गतिविधियों में शामिल थे और इस नेटवर्क के लिए वित्तीय लेनदेन की सुविधा प्रदान करते थे। जांचकर्ताओं का मानना है कि इन संदिग्धों का यमन चंद्राकर से सीधा संपर्क था, जो इस अवैध व्यवसाय का एक प्रमुख सदस्य माना जाता है। अधिकारियों ने बताया कि पर्याप्त साक्ष्य एकत्र करने के बाद ही इन दोनों व्यक्तियों के खिलाफ आधिकारिक गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, जांच दल बैंक खातों की जांच में जुटा हुआ है, ताकि इस व्यापक सट्टा नेटवर्क के वित्तीय पहलुओं को उजागर किया जा सके।