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दुर्ग संभाग के कॉलेजों में लागू हुई नई शिक्षा नीति: छात्रों को मिलेगी विषय चुनने की आजादी!

ByNewsBhilai

जुलाई 18, 2024
Education

दुर्ग: छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति (NEP) लागू हो चुकी है और इसका असर दुर्ग संभाग के सरकारी और निजी कॉलेजों में भी दिख रहा है। इस साल से, स्नातक स्तर के छात्रों को सेमेस्टर परीक्षा देने के साथ-साथ अपनी रुचि के अनुसार विषय चुनने की स्वतंत्रता होगी।

विषयों का पूल जारी:

उच्च शिक्षा विभाग ने छात्रों के लिए विषयों का एक पूल जारी किया है, जिसमें मूल्यवर्धित विषयों से लेकर सामान्य ऐच्छिक विषयों तक की सूची शामिल है। इस पूल में सोशल मीडिया मार्केटिंग, स्टॉक मार्केट, बस्तर कला, लोक स्वच्छता, कला, गृह विज्ञान जैसे अनेक विषय शामिल हैं। कॉलेज अपनी सुविधानुसार इन विषयों में से कुछ का चयन कर छात्रों को पढ़ाएंगे।

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में बदलाव:

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से संबद्ध 161 कॉलेजों में शिक्षण-अध्यापन का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा। पहले जहां पर्यावरण विज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी विषय फाउंडेशन कोर्स का हिस्सा थे, वहीं अब इन्हें एबिलिटी एनहांसमेंट कोर्स (एईसी) के तहत लाया जाएगा। इन तीनों विषयों को चुनना अनिवार्य होगा।

नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत:

विश्वविद्यालय ने इस वर्ष से कुछ नए मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम भी शुरू किए हैं, जिनमें सोशल मीडिया मार्केटिंग, डिजिटल मार्केटिंग, डेटा विश्लेषण, हर्बल पौधे और मानव स्वास्थ्य, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रसायन विज्ञान का दैनिक जीवन में उपयोग, व्यवसाय की अवधारणाएं, शेयर बाजार, कथक नृत्य, बस्तर कला, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, आपदा प्रबंधन, खुश रहने की कला, तनाव प्रबंधन, बुजुर्गों की देखभाल, लाइब्रेरी सूचना, संगीत, खेल और स्वास्थ्यपूर्ण जीवन, सार्वजनिक स्वास्थ्य स्वच्छता और संचार कौशल जैसे विषय शामिल हैं।

विभाग का उद्देश्य:

इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार विषय चुनने का अवसर देना है, ताकि वे अपनी पसंद के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। नई शिक्षा नीति का लक्ष्य छात्रों को 21वीं सदी के कौशल से लैस करना और उन्हें रोजगार के लिए तैयार करना है।

चुनौतियां:

हालांकि, इस नई व्यवस्था को लागू करने में कुछ चुनौतियां भी हैं। जिन कॉलेजों में विषयों के शिक्षक नहीं हैं, वहां वीडियो लेक्चर के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। इसके अलावा, पुस्तकों की कमी भी एक बड़ी समस्या हो सकती है।

निष्कर्ष:

कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन एक सकारात्मक बदलाव है। यह छात्रों को अधिक स्वतंत्रता और बेहतर अवसर प्रदान करेगा।


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