भिलाई शहर में आज सुबह एक अप्रत्याशित घटना ने स्थानीय समुदाय को हिलाकर रख दिया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम ने छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति के प्रमुख सदस्य कला दास डहरिया के निवास पर अचानक दबिश दी। जामुल लेबर कैंप में स्थित उनके घर के बाहर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और स्थानीय पुलिस की मौजूदगी ने इस कार्रवाई की गंभीरता को और बढ़ा दिया। सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई कथित नक्सली संबंधों की जांच के सिलसिले में की गई, हालांकि NIA ने अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
जांच के दौरान, एजेंसी ने कला दास की बेटी के कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया, जिनमें एक खराब लैपटॉप, पेन ड्राइव और मोबाइल फोन शामिल थे। यह ध्यान देने योग्य है कि कला दास ‘रेला’ नामक एक गैर-सरकारी संगठन का संचालन करते हैं, जो किसानों, आदिवासियों और मजदूरों के अधिकारों के लिए काम करता है। इस संगठन को देश भर से वित्तीय सहायता मिलती है।
एक स्थानीय वकील ने बताया कि सुबह लगभग 5:30 बजे, राज्य के बाहर से आई कई गाड़ियों में सवार लोगों ने यह छापेमारी की। इस दौरान आसपास के क्षेत्र में आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। कला दास ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि NIA ने उनसे नक्सली संपर्कों के बारे में पूछताछ की। उन्होंने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे एक लोक गायक हैं और उनका नंबर कई लोगों के पास है, इसलिए नक्सलियों से संबंध होने की आशंका निराधार है।
डहरिया ने आरोप लगाया कि सरकार उन्हें मजदूरों और किसानों की आवाज उठाने से रोकना चाहती है। उन्होंने बताया कि उन्हें 1 अगस्त को रांची बुलाया गया है। छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के एक अन्य सदस्य संतोष साहू ने ‘रेला’ के बारे में स्पष्ट किया कि यह एक जनवादी संगठन है जो उनके संगठन के साथ मिलकर काम करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस संगठन को मिलने वाली मदद छोटी-छोटी राशि में होती है और यह किसी अज्ञात स्रोत से बड़ी धनराशि नहीं है।