स्पर्श मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल को अमेरिका की ड्रग परीक्षण एवं रेगुलेशन एजेंसी (एफडीए) द्वारा क्लिनिकल ट्रायल सेंटर का सर्टिफिकेट मिल गया है। यह सेंटर मध्यभारत का पहला ऐसा सेंटर है, जहां नई दवाओं का मरीजों पर असर जानने के लिए रिसर्च की जाएगी।
यह रिसर्च सामान्य मर्ज से लेकर लाइलाज बीमारियों तक, हर तरह की बीमारियों के लिए नई दवाओं पर होगी। खास बात यह है कि इन सभी दवाओं को पहले ही अमेरिकी ड्रग रेगुलेशन अथॉरिटी और भारतीय रेगुलेटरी द्वारा तीन चरणों में परखा जा चुका है।
स्पर्श हॉस्पिटल को क्लिनिकल ट्रायल सेंटर बनने के लिए कई मापदंडों पर परखा गया था। हॉस्पिटल में क्लिनिकल ट्रायल की शुरुआत एंड्रोजेनिक एलोपेशिया यानी गंजेपन की बीमारी से होगी।
इस क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा बनने वाले मरीजों को मुफ्त इलाज मिलेगा। हॉस्पिटल में क्लिनिकल ट्रायल टीम के प्रमुख डॉ. संजय गोयल ने बताया कि यह ट्रायल अस्पताल में आने वाले सामान्य मरीजों पर नहीं होगा, बल्कि सिर्फ गंजेपन के इलाज की उम्मीद लेकर सेंटर पहुंचने वाले मरीज ही इसके शुरुआती चरण में हिस्सा बनेंगे।
यह क्लिनिकल ट्रायल न केवल मरीजों के लिए नए इलाज की उम्मीद लेकर आया है, बल्कि भारत को नई दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल में आगे बढ़ने का भी मौका देगा।