दुर्ग: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छत्तीसगढ़ के 5 सरकारी विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया है, जिनमें दुर्ग जिले के 2 विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। यह खबर शिक्षा सत्र शुरू होने के ठीक पहले आई है, जिससे छात्रों और शिक्षाविदों में चिंता बढ़ गई है।
डिफॉल्टर घोषित किए गए विश्वविद्यालय:
- आयुष एंड हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी, अटल नगर, नया रायपुर
- छत्तीसगढ़ कामधेनू विश्वविद्यालय, अंजोरा, दुर्ग
- इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषक नगर, रायपुर
- महात्मा गांधी उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय, सांकरा, पाटन, जिला दुर्ग
- शहीद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय, रायगढ़
डिफॉल्टर का कारण:
यूजीसी ने इन विश्वविद्यालयों को लोकपाल नियुक्त नहीं करने के कारण डिफॉल्टर घोषित किया है।
डिफॉल्टर होने का प्रभाव:
हालांकि, डिफॉल्टर घोषित होने का तत्काल प्रभाव विश्वविद्यालयों की मान्यता या प्रवेश प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा।
दीर्घकालिक रूप में, इसका विश्वविद्यालयों की रैंकिंग और यूजीसी द्वारा किए गए ग्रेडिंग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
बार-बार डिफॉल्टर घोषित होने पर विश्वविद्यालयों की संबद्धता भी प्रभावित हो सकती है।
विश्वविद्यालयों को चेतावनी:
यूजीसी का यह कदम विश्वविद्यालयों को एक चेतावनी माना जा सकता है। यदि वे बार-बार यूजीसी के नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उनकी संबद्धता खतरे में पड़ सकती है।
छात्रों और शिक्षाविदों की चिंता:
इस खबर से छात्रों और शिक्षाविदों में चिंता बढ़ गई है। वे विश्वविद्यालयों के भविष्य और अपनी शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।
आगे की राह:
डिफॉल्टर घोषित किए गए विश्वविद्यालयों को जल्द से जल्द लोकपाल नियुक्त करना होगा और यूजीसी के नियमों का पालन करना होगा। अन्यथा, उनकी संबद्धता खतरे में पड़ सकती है।