छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और भिलाई के भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) ने संयुक्त रूप से विकसित एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली को मंगलवार को लॉन्च किया गया। इस प्रणाली का लक्ष्य आपातकालीन देखभाल प्रणालियों को बेहतर बनाना है, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों और सीमित संसाधनों वाले इलाकों में रहने वाले मरीजों को विशेष लाभ मिलेगा। एम्स के कार्डियोलॉजी आईसीयू से इस प्रणाली का लाइव प्रदर्शन भी किया गया।
इस अवसर पर, आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने बताया कि इस समाधान का तकनीकी पहलू प्रोफेसर संतोष बिस्वास के नेतृत्व में आईआईटी भिलाई की टीम द्वारा विकसित किया गया है, जबकि आर्किटैक्चर और भारत की चिकित्सा आवश्यकताओं के अनुसार इसे डॉ. डीके त्रिपाठी के नेतृत्व में एम्स रायपुर की टीम द्वारा तैयार किया गया है। इस सहयोग का परिणाम AI-integrated Clinical Decision Support System है तथा इसके मदद से हार्ट अटैक मे क्लिनिकल निर्णय मे सहयोग होगा।
प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने आगे उल्लेख किया कि जून 2023 में शुरू की गई आईआईटी भिलाई और एम्स रायपुर के बीच एक सहयोग “आयुष-टेक” का लक्ष्य इन दोनों संस्थानों की तकनीकी और चिकित्सा विशेषज्ञता को मिलाना है और छात्रों, फैकल्टी सदस्यों और उद्योगों के लिए एकीकृत शिक्षा/प्रशिक्षण, संयुक्त शोध और विकास, उद्यमिता आदि के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है। इसका उद्देश्य अत्याधुनिक इंजीनियरिंग तकノロजी के माध्यम से चिकित्सा सुविधाओं में सुधार करना है। इस संयुक्त प्रयास का मिशन समाज की बेहतरी के लिए दोनों संस्थानों के संसाधनों, बुनियादी ढांचे और ज्ञान का अधिकतम उपयोग करना है।
एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. अशोक जिंदल ने टीम को बधाई दी और एक साल से भी कम समय में इस प्रयास से निकलने वाले समाधान के पहले कार्यान्वयन को देखकर खुशी व्यक्त की। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि यह लॉन्च समाज की बेहतरी के लिए टेक्नोलॉजी को चिकित्सा के साथ एकीकृत करने के हमारे निरंतर प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।