रटने के बजाय समझ पर होगा ज़ोर:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 2024-25 शैक्षणिक सत्र से 11वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया है। यह बदलाव छात्रों को रटने के बजाय अवधारणाओं को समझने पर ज़ोर देने के लिए किया गया है।
नए पैटर्न में मुख्य बदलाव:
कॉन्सेप्ट बेस्ड प्रश्नों की संख्या 40% से बढ़ाकर 50% कर दी गई है।
लॉन्ग आंसर और शॉर्ट आंसर प्रश्नों की संख्या 40% से घटाकर 30% कर दी गई है।
मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन (MCQs), केस-बेस्ड और सोर्स-बेस्ड इंटिग्रेटिड प्रश्न शामिल किए जाएंगे।
बदलाव का उद्देश्य:
छात्रों को रटने के बजाय अवधारणाओं को समझने के लिए प्रोत्साहित करना।
छात्रों की रचनात्मक, महत्वपूर्ण और सिस्टम सोच क्षमताओं को विकसित करना।
21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्रों को तैयार करना।
नए पैटर्न का प्रभाव:
छात्रों को अब परीक्षा में सफल होने के लिए केवल पाठ्यपुस्तकों को रटने पर नहीं, बल्कि अवधारणाओं को समझने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
छात्रों को महत्वपूर्ण सोच कौशल विकसित करने की आवश्यकता होगी।
शिक्षकों को अपने शिक्षण तरीकों को बदलने और छात्रों को अवधारणाओं को समझने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होगी।
यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के अनुरूप है, जो योग्यता-आधारित शिक्षा पर ज़ोर देती है।
कक्षा 9 और 10 के परीक्षा प्रारूप में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सीबीएसई ने सभी संबद्ध स्कूलों को नए परीक्षा पैटर्न के बारे में सूचित कर दिया है।
यह बदलाव छात्रों के लिए एक चुनौती हो सकता है, लेकिन यह उन्हें 21वीं सदी के लिए बेहतर तरीके से तैयार करेगा।